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ECS क्या है ? ECS कितने प्रकार के होते है ?

ECS क्या है ?

आपने ECS Full Form पढ़ कर ये जरुर अंदाज़ा लगा लिया होगा, ! बेकिंग Section में ये सेवा एक Account से पैसे दुसरे Account में एक निश्चित समय पर भेजने के लिए किया जाता है !  जैसे आप Neft या Imps इस्तेमाल करते है उसी तरह से इसे Bank इस्तेमाल करती है !

 कैसे काम करता है ? ECS

आसान भाषा में समझेंगे ECS एक ऐसा Term है !  जो आप अपने Lender या किसी Particular संस्था को को ये अनुमति देते है की आपके खाते से एक सुनिश्चित राशी एक तय किये गए Date पर काट ले !  इसके लिए आप ECS Form पर Sign करते है ! इसे थोडा और आसान कर लेते है !

मान लिजिये जिस तरह से आप किसी को Cheque देते है ! और उसपे एक तारीख होती है और एक Amount होता है, लेकिन एक Cheque से एक ही बार पैसे Withdrawal होता है लेकिन जब Ecs की बात आती है !  वहां तय की गई तारीख तक पैसे Withdrawal होते रहते है !

ECS कितने प्रकार के होते है ?

 

Debit ECS – अभी आपने पढ़ा आपके खाते से पैसा कट जाते है !  वो Debit ECS होता है या किसी Individual के लिए होता है अगर आपने कोई रकम Emi में देनी हो तो तब इसे इस्तेमाल में लाया जाता है !

Credit ECS – इसके बाद दूसरा होता है Credit Ecs, यहाँ हर महीने एक तय किये गए तारीख पर एक सुनिश्चित राशि आपके खाते में जोड़ दी जाती है ! किसी भी संस्था को अगर आपको पैसे हर महीने देनी हो एक तय की गई राशी तो उसके लिए इस्तेमाल में लाइ जाती है,!

क्यों जरुरी है ? ECS

अगर आप Internet Banking इस्तेमाल करते है !  तो आपको पता होगा की धीरे धीरे Bank, बहुत से Features अपने ग्राहकों को दे रही है की वो इसे खुद कर ले जो शायद पहले नहीं मिलता है !  इससे Work Load कम होता है Banks का !

इसी तरह से ECS जो हर महीने पैसे का लेन देन किया जाता है ! उसके लिए बार बार Banks में भीर ना हो, अब Banks को एक बार ही ये Authority दे दी जाती है !  की हर महीने एक तारीख में इतने पैसे इस Account से दुसरे Account में भेज दिए जाए !

 

फायदे ?

  1. Lender को बस ECS के लिए Bank को बस एक बार इन्फॉर्म करना होता है,
  2. हर महीने Bank को Request करने की जरुरत नहीं
  3. एक तय की गई राशि देने वाले के लिए भी आसान होती है !
  4. राशी के लिए हर महीने अपने ग्राहक को Request नहीं करना होता है संस्था को
  5. Banks के लिए भी ये बहुत ही आसान Clearing सेवा है !
  6. हर महीने Cheque लेने और देने का झंझट से छुटकारा
  7. Money Deduction तारीख बदलने की भी होती है पूरी आजादी!

Charges क्या है ?

रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने Ecs Charge का निर्धारण किया है !  जिसकी Authority बैंक और उसके ब्रांच को दी जाती है ये निर्भर करता है कितनी रकम है और कितनी बार ये काम करता है !  उसके ऊपर बैंक ये तय करता है की Charge क्या लगेगा,

यहाँ Debit ले लिए जिसके खाते से पैसे निकाले जा रहे है ! उसको Bank Charge नहीं करती, जिसके खाते में पैसे भेजे जा रहे है ! उसे Bank Charge करती है लेकिन ध्यान रखने वाली बात ये भी है !  अगर Bounce हो जाता है Ecs Debit Account से तब Charge देना होता है जो 400 से 700 के बिच हो सकता है !

ECS से नुकसान ?

ECS से सबसे ज्यादा जिसे नुकसान है वो है ग्राहक को जिसके खाते से पैसे निकाले जाते है !  क्योंकि कभी कभार Debit होने वाले Date पे रकम उपलभ्द नहीं है खाते में तो पहली बात तो Bouncing Charge लगता है, लेकिन ये और भी दर्द देने वाला होता है ! तब जब 3 दिन में ही 5 से 6 बार Hit कर जाता है !

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