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क्रेडिट और डेबिट का मतलब क्या होता है? | Banking में Credit and Debit Meaning in Hindi

डबल एंट्री बुक कीपिंग में क्रेडिट और डेबिट

जब भी आपके बैंक अकाउंट से पैसा कटता है !  तो आपके मोबाइल पर इसकी सूचना आ जाती हैं। इसी तरह जब भी आपके अकाउंट में कोई पैसा जमा होता है !   तो उसकी भी सूचना आपके मोबाइल पर आ जाती हैं !  ये सूचना आपको SMS भेजकर दी जाती है !  जिसमे Debited या Credited शब्दों का इस्तेमाल होता हैं !  किसी बैंक या पेमेंट कंपनी की ओर से अपने ग्राहक को जारी किए जाने कार्ड भी Debit Card या Credit Card के रूप में होता हैं !  लेकिन बहुत से खाता धारकों को यह पता ही नहीं होता कि बैंक अकाउंट में Debit और Credit  का मतलब क्या होता हैं ?

इस लेख मे हम जानेंगे की बैंक अकाउंट मे क्रेडिट और डेबिट का मतलब क्या होता हैं !  इसके बाद यह भी जानेंगे कि Debit Card और Credit Card का मतलब क्या होता हैं? बैंकिंग SMS में या पेमेंट मैसेज में इनका कैसे इस्तेमाल होता है !  ताकि, आगे कभी भी इस तरह का मैसेज आता है !  तो आप समझ सकें कि पैसा कटने का मैसेज है ! या जमा होने का !

क्रेडिट और डेबिट का मतलब क्या है ?

बैंक अकाउंट से पैसे Debited होने का मतलब होता हैं !   कि आपके अकाउंट से उतने पैसे कट गए हैे । इसी तरह , बैंक अकाउंट में Credited होने का मतलब होता हैं । कि आपके बैंक अकाउंट मे उतने पैसे जमा हो गए हैं।

अब हम इन दोनों शब्दों का अर्थ और बेहतर तरीके से समझने के लिए, बैंक की ओर से भेजे गए कुछ SMS का उदाहरण दे रहे हैं। नीचे 4 स्क्रीनशॉट दिए गए हैं !  जो मेरे बैंक अकाउंट से लेन-देन (Transaction) के बाद भेजे गए हैं-

 

Rs.500 transferred from A/c …3518 to: UPI/20763185042. Total Bal: Rs.54.5CR. Avlbl Amt:Rs.54.5(17-03-2022 13:28:31) – Bank of Baroda

Rs.300 withdrawn from A/c …3518 at ATM TID NKAN9081/C Ref.207518003920 Avlbl Amt: Rs.354.5(16-03-2022 18:23:41). If not used by you, call 18002584455 – Bank of Baroda

क्रेडिट और डेबिट

 

लेकिन, व्यावहारिक रूप में देखें तो Debited, Transfered और Withdrawn) का मतलब एक ही होता है कि आपके उस अकाउंट से पैसा कट गया है या निकल गया है।

डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड में अंतर क्या होता है?

सामान्यत: बैंक अपने ग्राहकों को दो तरह के कार्ड जारी करते हैं, जिनकी मदद से आप पैसे खर्च कर पाते हैं-्Debit Card या Credit Card। दोनों के बीच में अंतर इस प्रकार होता है !

डेबिट कार्ड | Debit Card

डेबिट कार्ड ऐसा कार्ड होता है, जोकि आपको अपने बैंक अकाउंट से पैसा निकालने (Debit) या खर्च करने में काम आता है !  पहले से निर्धारित PIN नंबर या पासवर्ड की मदद से आप ये काम कर पाते हैं !  डेबिट कार्ड आपके जिस Bank Account से लिंक  होता है, सिर्फ उसी अकाउंट का पैसा आप निकाल सकते हैं या खर्च कर सकते हैं !

सामान्यत: आपके बैंक अकाउंट में जितना बैलेंस होता है, डेबिट अकाउंट से सिर्फ उतनी सीमा तक ही आप पैसा खर्च कर सकते हैं !  लेकिन कुछ खास कैटेगरी के सैलरी अकाउंट या बिजनेस अकाउंट में ओवरड्रॉफ्ट की भी सुविधा मिल सकती है !

ओवरड्रॉफ्ट की सुविधा होने पर आप अपने खाते में बैलेंस नहीं होने पर भी एक सीमा के अंदर पैसे खर्च कर सकते हैं !  या पेमेंट कर सकते है !  उसे एक निश्चित अवधि के भीतर आपको लौटाना या जमा भी करना पड़ता है !

 

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क्रेडिट कार्ड | Debit Card

क्रेडिट कार्ड ऐसा कार्ड होता है, जिसकी मदद से आपको पहले पैसा खर्च करने और बाद में चुकता करने की सुविधा मिलती है। इसमें आपको एक निश्चित लिमिट की line of Credit मिल जाती है।

line of Credit में पहले से कुछ रकम डाल दी जाती है !  उसमें से जितना हिस्सा आप इस्तेमाल करेंगे !   उसे एक निश्चित समय-सीमा के भीतर (अधिकतम 50 दिन के भीतर) लौटाना पड़ता है !  उस समय-सीमा के भीतर पैसे न लौटाने पर पेनाल्टी और बकाया पर ब्याज चुकानी पड़ती है !  ध्यान रखें कि क्रेडिट कार्ड की पेनाल्टी और ब्याज काफी ज्यादा होती है ! क्रेडिट और डेबिट  इसकी ब्याज लगभग 40 % सालाना के हिसाब से पड़ती है!

जो पैसा आपने इस्तेमाल नहीं किया है !  वह आपके कार्ड में  line of Credit के रूप में पड़ा रहेगा !  और उस पर कोई ब्याज या शुल्क नहीं देना पड़ता !  हालांकि कुछ क्रेडिट कार्डों को रखने के लिए आपको सालाना 500 रुपए या 1000 रुपए शु्ल्क चुकाना पड़ता है !

क्रेडिट और डेबिट वहीं कुछ कार्ड के लिए ये शुल्क नहीं भी लगते !

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डबल एंट्री बुक कीपिंग में क्रेडिट और डेबिट  का मतलब क्या है?

बिजनेस अकाउंट के मामलों में डबल एंट्री सिस्टम वाले  बुककीपिंग सिस्टम में, Debit और Credit का मतलब और भूमिका बैंक अकाउंट वाले Debit और Credit से काफी अलग होता है !

  • वास्तव में इसमें बाय़ीं तरफ Debits कॉलम के तहत, वे एंट्री दर्ज की जाती हैं !  जोकि आपके  asset अकाउंट को या expense account में बढ़ोतरी  ! (increases) करती हैं!  या फिर liability account या equity account में कमी (decrease) करती हैं !
  • इसके उलट, दाहिने तरफ Credits वाले कॉलम में, वे  एंट्री दर्ज की जाती हैं !  जोकि, आपके liability account या equity account में वृद्धि करती हैं ! जबकि asset account या expense account में कमी कर देती हैं !

 

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