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ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? शेयर मार्केट में Trading क्या है?

Trading आजकल हम देखते हैं !कि लोग शेयर मार्केट में ऑनलाइन ट्रेडिंग करके लाखों रुपए कमा रहे हैं !  ऐसे में हमारे मन में भी सवाल आता है !  कि आखिर Trading kya hai और इससे पैसे कैसे कमाए जाते हैं?

अगर आप भी ट्रेडिंग करके खूब सारा पैसा कमाना चाहते हैं !  तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं क्योंकि आज मैं आपको इस आर्टिकल में ट्रेडिंग के बारे में पूरी जानकारी देने वाला हूं जैसे– शेयर मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है !  और नए लोग ट्रेडिंग कैसे सीखें, ट्रेडिंग कैसे करते हैं !  यह कितने प्रकार की होती हैं !   ट्रेडिंग करके पैसे कैसे कमाए आदि !

शेयर मार्केट में Trading क्या है?

  • शेयर मार्केट में ट्रेडिंग का मतलब है शेयर को खरीदना और बेचना. स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग दो प्रकार की होती है ! शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग और लोंग टर्म ट्रेडिंग. अधिकतर ट्रेडर्स शेयर बाजार से जल्दी प्रॉफिट कमाने के लिए इंट्राडे और ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं !

ट्रेडिंग का उदाहरण

आजकल ट्रेडिंग हर व्यापार में होती है चाहे वह ऑनलाइन हो या ऑफलाइन। ट्रेडिंग में खरीदार और विक्रेता दोनों ही प्रॉफिट कमाना चाहते हैं।

अगर हम शेयर मार्केट में ट्रेडिंग का उदाहरण देखें तो हमारा मकसद शेयर को कम दाम में share buy करके अधिक दाम में बेचकर profit कमाना होता है।

ऑनलाइन ट्रेडिंग केवल शेयर मार्केट में ही नहीं बल्कि कमोडिटी मार्केट और Forex मार्केट में भी होती है !  कमोडिटी मार्केट में Gold, Silver, Crude oil आदि commodities की ट्रेडिंग की जाती है ! जबकि Forex market में currencies जैसे; Rupees, doller, pound आदि की trading की जाती है ! 

Trading कितने प्रकार की होती है?

ट्रेडिंग दो प्रकार की होती है– शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग और लोंग टर्म ट्रेडिंग. Short term trading के अंतर्गत इंट्राडे, स्विंग और ऑप्शन ट्रेडिंग आती है जबकि long term trading में डिलीवरी और पोजीशनल ट्रेडिंग आती है। इसके अलावा स्काल्पिंग ट्रेडिंग, एल्गो ट्रेडिंग, मार्जिन ट्रेडिंग, और मूहूर्त ट्रेडिंग भी Share market trading के ही प्रकार हैं।

इन सभी में ये 3 ट्रेडिंग सबसे ज्यादा पॉपुलर हैं–

  1. Intraday Trading
  2. Swing Trading
  3. Option Trading

Long Term Trading

इसके अंतर्गत डिलीवरी और पोजीशनल ट्रेडिंग आती है. डिलीवरी ट्रेडिंग में आप शे को डिलीवरी में खरीदते हैं और पोजीशनल ट्रेडिंग में किसी पर्टिकुलर stock में शॉर्ट टर्म या लोंग टर्म के लिए अपनी पोजीशन होल्ड करते हैं।

आप कुछ लोग सोच रहे होंगे कि डिलीवरी ट्रेडिंग का मतलब तो investing ही हुआ ना, कहना सही है यह इन्वेस्टिंग ही है लेकिन long term में आप  Share  को कभी ना कभी तो बेचेंगे ही और शेयर को खरीदना और बेचना ही ट्रेडिंग कहलाता है !

इसलिए आप investing को long term trading भी बोल सकते हैं।

Algo Trading

Algo trading में लोगों की जरूरत नहीं होती है !  बल्कि कंप्यूटर्स में कुछ algorithms और software के द्वारा automatic ट्रेडिंग की जाती है !

Margin Trading

जब भी आप अपने ब्रोकर के द्वारा किसी पार्टिकुलर stock में आप मार्जिन लेकर ट्रेडिंग करते हैं ! तो उसे मार्जिन ट्रेडिंग या leverage trading भी बोला जाता है !

Margin का मतलब होता है !  ऐसा पैसा जो आपने दिया नहीं है !  बल्कि आपका ब्रोकर आपको ट्रेडिंग करने के लिए दे रहा है ! Margin trading की facility आजकल लगभग हर broking apps में दी जाती है ! इनमें आपको 20% से लेकर 80% तक मार्जिन मिलता है।लेकिन याद रहे मार्जिन ट्रेडिंग में Risk भी ज्यादा होता है !  क्योंकि अगर आपका loss होता है तो broker आप पर भारी charges भी लगा सकता है !  इसीलिए मार्जिन ट्रेडिंग केवल तभी करें जब आपको अपनी ट्रेड पर पूरा विश्वास हो !

Muhurat Trading:

  • जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है किसी शुभ मुहूर्त पर की जाने वाली trading को मुहूर्त ट्रेडिंग कहते हैं. यह अधिकतर दिवाली के मौके पर की जाती है जिसमे किसी निश्चित शुभ समय के दौरान इस ट्रेडिंग को किया जाता है !

ट्रेडिंग कैसे काम करती है?

ट्रेडिंग किस तरीके से काम करती हैं यह समझने के लिए आपको trading volume को समझना आवश्यक है।

अगर आज किसी स्टॉक में buying volume ज्यादा है ! और selling वॉल्यूम कम तो जाहिर सी बात है !  शेयर ऊपर जाएगा !  और अगर situation इसके विपरीत है तो शेयर नीचे जाएगा !

इसके अलावा ट्रेडिंग में शेयर की कीमत कैसे ऊपर नीचे होती है !  इसे समझने के लिए Bid और Ask price पर नजर रखें. Bid price का मतलब होता है कि buyer किस प्राइस पर शेयर खरीदने को तैयार है !  और Ask price का मतलब है कि seller किस प्राइस पर शेयर बेचने को तैयार है !

आपको इतना पता होना चाहिए कि किसी भी स्टॉक में ट्रेडिंग तब तक संभव नहीं है !  जब तक bid और ask price मैच ना कर जाए। इसका मतलब यह है !  कि जब तक खरीदार विक्रेता के मूल्य पर शेयर खरीदने को तैयार नहीं हो जाता तब तक उस स्टॉक में ट्रेडिंग नहीं हो सकती !

और यही कारण है कि कुछ stocks में बहुत देर तक trading नहीं होती है ! क्योंकि उनमें number of buyers और sellers बहुत कम है। इसीलिए ऐसे stocks में अगर कोई बड़ी quantity खरीद ले ! उस स्टॉक का प्राइस अचानक बहुत तेजी से बढ़ने लगता है और फिर वह शेयर news में आने लगता है !

लेकिन इन सबके बीच swing trader अच्छा पैसा कमाते हैं ! क्योंकि उन्हें फायदा तभी होता है जब किसी स्टॉक में movement हो रही हो। अभी के लिए आप बस इतना समझ लीजिए ! कि अगर किसी शेयर में buyers strong हैं तो वह ऊपर जाएगा ! और अगर sellers strong हैं तो वह शेयर नीचे जाएगा !

एल्गो ट्रेडिंग क्या है और ये कैसे काम करता है? Trading Meaning
Trading Meaning

Trading करते समय क्या सोचना चाहिए?

 

  1. ट्रेडिंग करते समय आपको अपने mindset पर कंट्रोल करना बहुत जरूरी है !
  2. आप पहले ही decide कर लें कि आपको आज दिन में कितनी बार ट्रेड करना है और आप कितना maximum loss ले सकते हैं!
  3. जब आप पूरी तरह से trading करने के तैयार हो तब ट्रेडिंग करना start करें!
  4. कभी भी ज्यादा दुखी या ज्यादा खुश होकर ट्रेडिंग मत करें!
  5. Trading में साइकोलॉजी बहुत महत्वपूर्ण होती है मतलब मान अगर आपको किसी दिन लगातार 3 ट्रेड में Loss हुआ तो आप चौथी बार भी ट्रेड करेंगे क्योंकि आपको अपने नुकसान की भरपाई करनी है !
  6. अगर आपको लगातार loss हो रहा है तो आपको उस दिन कुछ समय के लिए ट्रेडिंग बंद कर देनी चाहिए।
  7. इसी प्रकार का अगर कोई शेयर लगातार ऊपर जा रहा है तो अपनी खरीदी गई कुछ क्वांटिटी sell दें और जब वह और ऊपर जाने लगे तो अपनी बची हुई क्वांटिटी भी sell करके प्रॉफिट बुक कर लें।
  8. आपको इस प्रकार का mindset रखना चाहिए कि अगर कोई शेयर खरीदे गए price से 10% ऊपर चला जाता है तो आप उसे कभी भी loss में नहीं बेचेंगे।

Rules of Trading in hindi

शेयर मार्केट ट्रेडिंग में सफलता पाने के लिए नीचे दिए गए नियम जरूर फॉलो करें–

  1. शेयर बाजार में कभी भी Loan लेकर ट्रेडिंग मत करें क्योंकि ऐसा करने से आप बहुत बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं।
  2. Trading में success पाने के लिए पहले आपको इसे सीखना होगा, जो लोग बनाना सीखे ट्रेडिंग करेंगे वह कभी भी सफल ट्रेडर नहीं बन सकते।
  3. ट्रेडिंग करते समय ब्रोकिंग ऐप में कितने ब्रोकरेज और चार्जेस लगते हैं यह जरूर पता कर लें।
    किसी भी शेयर को सिर्फ उसका प्राइस बढ़ता हुआ देखकर मत खरीदें क्योंकि हो सकता है कि उसे ऑपरेटर द्वारा बेवजह बढ़ाया जा रहा हो।
  4. कभी भी अपना पूरा पैसा एक साथ ना ना लगाएं और ऑप्शन ट्रेडिंग में तो बिल्कुल भी नहीं.
    ट्रेडिंग करते समय हमेशा stop loss लगाकर रखें.
  5. ज्यादा लालच मत करें पहले से ही अपना माइंडसेट clear रखें कि 10% या 20% प्रॉफिट होने पर आप exit कर देंगे।
  6. Discipline के साथ चैटिंग करें जो नियम आपने सेट कर दिए हैं उन्हें फॉलो करें।
  7. पहले ही तय कर लें कि आपको किस लेवल पर entry लेनी है और किस लेवल पर exit लेना है।

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