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सुकन्या समृद्धि योजना

सुकन्या समृद्धि योजना

सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत सरकार ने योजना के कुछ नियमों में बदलाव किए हैं। मोदी सरकार ने देश की बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए 2015 में सुकन्या

समृद्धि योजना की शुरुवात की थी।

सरकार ने योजना को बेटी बचाओ बेटी पढाओ के तहत शुरू किया था। यह मुख्यरूप से पोस्ट ऑफिस की बचत खाता योजना है, जिसमें सरकार सालाना एक निश्चित ब्याज

दर देती है, जिसे सरकार वर्ष में 4 बार रिवाईज करती है, जिसका अर्थ है जिसमें परिवर्तन किया जाता है।

क्या है सुकन्या समृद्धि योजना

योजना के तहत 10 साल या उससे छोटी लड़की के लिए पोस्ट ऑफिस में एक बचत खाता खोला जाता है, जिसकी ब्याज दर सरकार तय करती है। इस योजना से जब लड़की

21 साल की हो जाती है तो पढाई या शादी के लिए पैसा निकाला जा सकता है।

योजना के तहत यदि आप निवेश करते हैं तो टैक्स में विशेष छूट भी दी जाती है। यह योजना जब से लॉन्च हुई है, काफी चर्चित रही है क्यूंकि इसके द्वारा बेटी की शादी पढाई

आदि के द्वारा भविष्य सुरक्षित रहती है, इसके साथ ही बचत के साथ साथ बेहतर निवेश योजना भी है।

योजना की कुछ शर्ते सरकार ने रखी है, जिसका 30 जून से पहले इन शर्तों को करना पूरा नहीं तो नुकसान हो सकता है।

योजना के तहत हर साल कम से कम 250 रूपए खाता में डालना अनिवार्य है, अगर 30 जून तक आपने ऐसा नहीं किया है तो 50 रूपए पैनेल्टी के तौर पर आपके खाते से चार्ज किए जा रहे हैं।

इसी तरह वित्तीय वर्ष 31 मार्च तक का होता है, लेकिन कोरोनावायरस की वजह से सभी पैकेजेज योजना की तारीख बढ़ा कर 30 जून कर दी गई थी। सुकन्या समृद्धि योजना के अनुसार बच्ची खाते में कम में निर्धारित न्यूनतम राशी को जमा करना अनिवार्य है।

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